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फुर्सत के पल शायरी

Kuch Fursat Ke Pal Shayari

इस पेज पर आप फुर्सत के पल शायरी पड़ेगें जिसमें आपको बेहतरीन फोटो मिल जाएगी जिसे आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं।

पिछले पेज पर हमने Deewana Shayari शेयर की हैं आप उसे पढ़कर अपने पार्टनर को सुनाकर इम्प्रेस कर सकते हैं।

चलिए इस पेज पर फुर्सत के पल पर शायरी पढ़िए और अपने परिजनों को सुनाकर दिल खुश कीजिए।

फुर्सत के लम्हे शायरी

उन्हें फुर्सत नहीं हमारे लिए,
चलो दीवारों से बात करते हैं।।

तुम्हे फुर्सत नहीं अपनी महफ़िल से
और हम तुम्हे हर-पल याद करते हैं।।

खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया हैं तुम्हे
तभी तो आज तक कोई तुमसा नहीं देखा।।

आज सुबह से ही हिचकिया आ रही हैं,
लगता हैं आज उन्हें फुर्सत मिल ही गयी, मुझे याद करने की।।

लगता हैं उन्हें अब फुर्सत नहीं मिलती
मुझे याद करने की
तभी तो अब हिचकिया आती नहीं।।

चलो छत से ही सही,
मेरे जनाजे को देखने की फुर्सत उन्हें मिली।।

मुझे दिल से भुलाने वाले,
कभी फुर्सत से बैठना फिर सोचना, मेरा कसूर क्या था?

बड़ी फुर्सत से बैठे हैं आज
तेरी यादों के ख़ज़ाने को लेकर
इन्हे देख कर ऑंखें छलक आयी तो मैं क्या करू?

बड़ी फुर्सत में रहती हो तुम
चली आती हो दिन-रात यादो में।।

बड़ी फुर्सत से कमरे की तन्हाईयों में बैठे रहते हैं,
पता हैं क्यू? तुम्हे याद करने के लिए।।

खत्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर,
कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किस ने की थी।।

मंजिल पे पहुँचकर लिखूंगा मैं इन रास्तों की मुश्किलों।।
का जिक्र अभी तो बस आगे बढ़ने से ही फुरसत नही।।

हमें फुरसत नहीं मिलती कभी आंसू बहाने से
कई ग़म पास आ बैठे तेरे एक दूर जाने से।।

जब हो थोड़ी फुरसत, तो अपने मन की बात हमसे कह लेना,
बहुत खामोश रिश्ते कभी जिंदा नहीं रहते।।

मुझे तेरे सिवा कुछ सोचने की फुरसत नहीं,
ओर तुम कहते हो में तुम्हें भूल जाऊँ।।

गुज़र गया आज का दिन पहले की तरह,
ना हम को फुर्सत मिली ना उनको ख्याल आया।।

तेरे पास भी काम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
ये परेशानियाँ आजकल फुर्सत में बहुत हैं।।

तुम्हे गेरौ से कब फुरसत, हम अपने ग़म से कब खाली।।
चलो बहुत हो गया मिलना, ना तुम खाली ना हम खाली।।

तुम ताल्लुक तोड़ने का जिक्र किसी से भी ना करना,
हम लोगों से कह देंगे कि उन्हें फुर्सत नहीं मिलती।।

मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो।।
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।।

कभी मिले तुम्हे फुर्सत तो इतना जरुर बताना,
वो कौन सी? मौहब्बत थी हम तुम्हे दे ना सके।

फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना,
एक वही तो है हमराज मेरा तेरे सो जाने के बाद।

तुम्हें जब कभी मिले फ़ुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।।

फुर्सत अगर मिलें तो मुझे पढ़ना जरूर,
मैं तेरी उलझनों का मुकम्मल जवाब हूँ।।

मसरुफ रहने का अंदाज आपको तन्हा ना कर दे,
रिश्ते फुरसत के नही, तवज्जो के मोहताज़ होते हैं।।

कमाल करता है ऐ दिल तू भी,
उसे फुरसत नहीं और तुझे चैन नहीं।।

फुर्सत में ही याद कर लिया करो हमें,
दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नहीं।

उनको तो फुरसत नहीं,
दीवारो तुम ही बात कर लो मुझसे।।

तमाम लोगों का हाल जाना तमाम लोगों से बात की,
कभी फुर्सत ही न मिल सकी खुद से मुलाकात की।।

तेज रफ़्तार ज़माने में फुरसत में बड़े हैं लोग,
मेरी बातें करते हुए चौराहों पर खड़े हैं लोग।।

मिल जाए उलझनों से फुर्सत तो जरा सोचना,
क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने तक का रिश्ता है हमसे।।

दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है,
अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना।।

अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी,
सुख-दुःख का एहसास हैं जिंदगी,

फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,
तुम्हारे बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी।।

खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे,
और वो औरो से मिलने का इल्ज़ाम लगा रहे है।

अभी मसरूफ हूँ काफी कभी फुर्सत में सोचूंगा,
कि तुझको याद रखने में, मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ।।

ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए,
मैं उन्हें भी तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ।।

पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल,
बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है।।

नहीं फुर्सत यक़ीन मानो हमें कुछ और करने की,
तेरी यादें, तेरी बातें, बहुत मशरूफ रखती हैं।।

काश उनको कभी फुर्सत में ये ख्याल आए,
कि कोई याद करता है, उन्हें जिन्दगी समझ कर।।

हजूम ए दोस्तों से जब कभी फुर्सत मिले,
अगर समझो मुनासिब तो हमें भी याद कर लेना।।

फुर्सत मिले तो उन का हाल भी पूछ लिया करो,
जिन के सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हों।।

फुर्सत मिले तो कभी हमें भी याद कर लेना फ़राज़,
बड़ी पुर रौनक होती हैं यादें हम फकीरों की।।

Attitude की चमक और मिर्ची की जलन
क्या होती है सब दिखा देंगे
फिलहाल फुर्सत नहीं है
फुर्सत मिली तो तेरी औकात भी दिखा देंगे।।

मंहगीं तो फुर्सत है जनाब सुकुन तो आज भी सस्ता है,
चाय की प्याली में भी मिल जाता है।।

फुर्सत निकाल कर आओ कभी मेरी महफ़िल में,
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में।।

काश उसको भी कभी फुर्सत मे ये ख्याल आ जाये कि,
कोई याद करता है उसे जिन्दगी समझकर।।

फुर्सत मिले तो उनका भी हाल पूछ लिया करो,
जिनके सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो।।

फुर्सत मिले तो आना कभी दिल की गलियों तक
हम धड़कनों में अपनी तुम्हारा नाम सुनाएंगे।।

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