इस पेज पर आप Deewana Shayari पढ़िए और अपने पार्टनर को सुनाकर इम्प्रेस कीजिए और उनका दिल खुश कीजिए।
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चलिए इस पेज पर दीवानगी पर शायरी पढ़िए और अपने लवर को सुनाकर उनको खुश कीजिए।
दीवाना शायरी

मैं तेरा दीवाना
तेरा भाई ना माना
काश मान जाता साला
तो बन जाता मामा

गिरते हुए आँसुओं को कौन देखता है,
सब यहाँ झूठी मुस्कान के दीवाने हैं,

मोहब्बत किसी को चार पल का नशा है,
सच्ची मोहब्बत इनको भाती नहीं,

रफ्तां-रफ्तां दर्द की आदत सी होती जायेगी,
इबतिदा में हर दीवाना बहुत शोर करता है,

जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
वो हम ही से बेगाने होगए, शायद उन्हें तालाश है,
अब नये प्यार की, क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए,

ये इश्क़ के इन्तहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी,

इस बहते दर्द को मत रोको ये तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी पर
ये तो निशानी हैं किसी के प्यार की

दीवानगी हो अक़्ल हो, उम्मीद हो या आस,
अपना वही है वक़्त पे जो काम आ गया,

उसने मेरी महोब्बत का, इस तरह तमाशा किया
कि हम मरते है उनके प्यार मे, और वो हसते रहे मेरी दीवानगी पर

ख्वाहिश है पहुंचूं इश्क के मै उस मुकाम पर
जब उनका सामना मेरी दीवानगी से हो

दीवानगी मे कुछ एसा कर जाएंगे,
महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे,
वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़कोगे,
और सांस बनकर हम आएँगे,

दीवाना उस ने कर दिया एक बार देख कर,
हम कर सके न कुछ भी लगातार देख कर,

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,
ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया,

कभी रोना कभी हँसना कभी हैरान हो जाना,
मोहब्बत क्या भले-चंगे को दीवाना बनाती है,

जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है,
संग हर शख्स ने हाथों में उठा रखा है,

उसके दिल पर भी कड़ी इश्क में गुजरी होगी,
नाम जिसने भी मोहब्बत का सज़ा रखा है,

आपकी इस दिल्लगी में हम अपना दिल खो बैठे,
कल तक उस खुदा के थे जो आज आपके हो बैठे,

सुना तो था प्यार दीवाना कर देता है,
करके जो देखा खुद तो हम भी होश खो बैठे,

किसी को चाहने का कोई बहाना नहीं होता,
दिल लगाने से कोई दीवाना नहीं होता,

आशिक़ी सीखनी हो तो सीखो हमसे,
हमें पता है मोहब्बत का मतलब पाना नहीं होता,

शरीके-ज़िंदगी तू है मेरी, मैं हूँ साजन तेरा,
ख्यालों में तेरी ख़ुश्बू है चंदन सा बदन तेरा,

अभी भी तेरा हुस्न डालता है मुझको हैरत में,
मुझे दीवाना कर देता है जलवा जानेमन तेरा,

ये मेरा दिवानापन है, या मोहब्बात का सुरूर,
तू ना पहचाने तो है ये तेरी नजरों का कुसूर,

कुछ लौग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पुँछते,
कि यै पागल दिवाना फिर कोई शायरी न सुना देँ.

कौन कहता है ये दिल पागल है,
पागलपन तो बस एक बहाना है,
एक बार मुस्कुरा कर तो देखो लो,
ये पागल दिल तुम्हारा दीवाना है,

एक दीवाने को जो आए हैं समझाने कई
पहले मैं दीवाना था और अब हैं दीवाने कई

दीवानगी का सिलसिला जावे न हाथ से,
दामन को फाड़िए जो गरेबाँ रफ़ू करें,

ये तो दिल दीवाना था जो तुम पर आ गया,
वरना हम जिंदगी दाव पे लगाया नहीं करते,

इस बहते दर्द को मत रोको ये तो सज़ा हे किसी के इंतज़ार की,
लोग इन्हें आंसू कहे या दीवानगी पर ये तो निशानी हे साँवरिया के प्यार की,

उनकी एक झलक पे ठहर जाती है नज़र खुदाया,
कोई हमसे पुछे दीवानगी क्या होती है,

थोड़ी सी दीवानगी तो तुझमें दिखती थी ऐ दिल,
ये न सोचा था तू इतना बावरा हो जायेगा,

ऐसी हुई तुम से दीवानगी
हर सूरत में तुम्हारी सूरत नज़र आने लगी

दिल की हसरत जुबां पर आने लगी
तुमको देखा जिंदगी मुस्कुराने लगी

यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इन्तहां,
कि तेरे ही क़रीब से गुज़र गए तेरे ही ख़्याल मे,

तुझ से वाबस्तगी रहेगी अभी दिल को ये बेकली रहेगी अभी,
सर को दीवार ही नहीं मिलती सो ये दीवानगी रहेगी अभी,

मेरी दीवानगी अब भी वही है, बस इज़हार का अंदाज़ अलग है,
तब बिखरे मोती की माला थी, आज बिखरे सपनो की सौगात है,

दीवानगी तो हम कर बैठे हैं इश्क़ में,
उनके घर जाकर अपने घर का पता पूछते हैं,

ये शब ओ रोज़ जो इक बे-कली रक्खी हुई है,
जाने किस हुस्न की दीवानगी रक्खी हुई है,

मेरी दीवानगी इस कदर बढ़ गई कि
अब नजरें झुकाना मुमकिन नहीं,

वो खतो-कलम की दीवानगी छोड़ दी मैंने,
के अब जुबाँ हर वक्त ही आह उगलती है,

ना जीने का शौक है ना मरने की तलब रखते है,
दिवाने है तेरे बस दीवानगी गजब की रखते है,

जो दीवानगी की हद़ तक मोहब्ब़त करता हैं,
उसकी नफ़रत भी जुनून के हद़ तक होती हैं,

जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना,
ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है,

कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,
ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा,

लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें,
पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा,

दौलत का दीवाना हूँ न शोहरत का दीवाना हूँ,
शीशे का है दिल मेरा मै भोले का दीवाना हूँ,

दीवाना कर दिया आपने हमें एक बार देख कर,
और हम कुछ भी न कर सके तुमको बार बार देख कर,

हर शख्स को दीवाना बना देता है इश्क़
जन्नत की सैर करा देता है इश्क़

दिल के मरीज हो तो कर लो मोहब्बत
हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क़

इश्क़ भी वही मयख़ाना भी वही,
लौट कर ये दीवाना कहाँ जायेगा,

थौडी दीवानगी मै लाऊगा,थौडी़ वफा तुम ले आना,
साझे में कर लेंगे फिर से कारौबार-ए- मौहब्बत,
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