By Jokesimages
हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्श वाला तू धीरे गुजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया घर का घर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम
पानी की तलब हो तो एक काम किया कर कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत जालिम हो मुक़ाबिल तो मेरा नाम लिया कर
क्या हक़ अदा करेगा ज़माना हुसैन का अब तक ज़मीन पे क़र्ज़ है सजदा हुसैन का झोली फैला कर मांग लो मोमिनो हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का
एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन है मेरे नसीब में परचम हुसैन का फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का कुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन का सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ले महंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का
दश्त-ए-बाला को अर्श का जीना बना दिया जंगल को मुहम्मद का मदीना बना दिया हर जर्रे को नज़फ का नगीना बना दिया हुसैन तुमने मरने को जीना बना दिया