इस पेज पर आपको Sad Jokes आसानी से मिल जाएंगे क्योंकि हम आपके लिए Sad Jokes in Hindi का बेहतरीन करेक्शन ले कर आए हैं जो आपको बहुत ही पसंद आएंगा।
तो चलिए इन Sad Jokes in Hindi को पढ़िए और अपनी उदासी को कम करते हुए अपने मार्ग में आगे बढ़िए और हमेशा खुश रहिए मेरे अंतिम शब्द हँसते रहिए मुस्कुराते रहिए और हमेशा खुश रहिए और Sad Jokes पढ़ते रहिए।
Sad Jokes in Hindi
न पूछो हालत मेरी रूसवाई के बाद,
मंजिल खो गयी है मेरी, जुदाई के बाद,
नजर को घेरती है हरपल घटा यादों की,
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाई के बाद!!
वो जिसकी याद मे हमने
खर्च दी जिन्दगी अपनी।
वो शख्श आज मुझको
गरीब कह के चला गया ।।
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे,
प्यार किया बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सरेआम हो गए,
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए,
अपना होगा तो सता के मरहम देगा,
जालिम होगा अपना बना के जख्म देगा,
समय से पहले पकती नहीं फसल,
अरे बहुत बरबादियां अभी मौसम देगा,
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर.. अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं!
जिस जिस ने मुहब्बत में,
अपने महबूब को खुदा कर दिया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,
उनको जुदा कर दिया!
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद,
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा है,
हम सच मान कर ऐतबार करते हैं।
मुहब्बत में सच्चा यार न मिला,
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।
मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो ?
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है!!
अब ये न पूछना की..
ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ,
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला
लबों से, दूर क्या हुए
कलम ने क़हर मचा दिया..!!
मौहब्बत की मिसाल में,
बस इतना ही कहूँगा।
बेमिसाल सज़ा है,
किसी बेगुनाह के लिए।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने,
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने!!
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को,
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।
एक बात पूछें तुमसे..
जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..
जो इश्क़ हमसे शीखा था..
अब वो किससे करते हो,
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दुसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो तुम..!!
जिनके दिल पे लगती है चोट..
वो आँखों से नही रोते,
जो अपनो के ना हुए..
किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है..
की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते!
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता,
फिर तेरा चर्चा हुआ, आँखें हमारी नम हुई,
धड़कने फिर बढ़ गई, साँस फिर बेदम हुई,
चांदनी की रात थी, तारों का पहरा भी था,
इसलिए ही शायद गम की आतिशबाजी कम हुई!
उसके चले जाने के बाद..
हम महोबत नहीं करते किसी से..
छोटी सी जिन्दगी है..
किस किस को अजमाते रहेंगे!
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता
दिल का हर राज दे दिया उनको मैहरबान समझ कर,
लगाया मौत को गले से हमने,उनका फरमान समझ,कर ,
वो नादान क्या जाने मेरी दीवानगी कि हद को,
कि हर सितम को सहा है हमने उसका अहसान समझकर
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला
मुझे को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही,
आई ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही
उसे उड़ने का शौक था..
और हमें उसके प्यार की कैद पसंद थी..
वो शौक पूरा करने उड़ गयी जो..
आखिरी सांस तक साथ देने को रजामंद थी
हर भूल तेरी माफ़ की..
हर खता को तेरी भुला दिया..
गम है कि,मेरे प्यार का..
तूने बेवफा बनके सिला दिया
क्यूँ करते हो मुझसे
इतनी ख़ामोश मुहब्बत..
लोग समझते है
इस बदनसीब का कोई नहीँ..
तू नहीं तो ये नज़ारा भी बुरा लगता है..
चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है..
ला के जिस रोज़ से छोड़ा है तुने भवँर में मुझको..
मुझको दरिया का किनारा भी बुरा लगता है..
सिलसिला उल्फत का चलता ही रह गया,
दिल चाह में दिलबर के मचलता ही रह गया,
कुछ देर को जल के शमां खामोश हो गई,
परवाना मगर सदियों तक जलता ही रह गया..!!
रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।
उनसे मिलने को जो सोचों अब वो ज़माना नहीं,
घर भी कैसे जाऊं अब तो कोई बहाना नहीं,
मुझे याद रखना कहीं तुम भुला न देना,
माना के बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
तू तो हँस हँसकर जी रही है,
जुदा होकर भी..
कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं..
जो नजर से गुजर जाया करते हैं,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं,
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
उल्फत का यह दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है!
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।
सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली,
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली,
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर,
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली।
समेट कर ले जाओ..
अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..
इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
कोई दीवाना तड़पता होगा…
ज़लज़ले यूं ही बेसबब नहीं आते,
कोई दीवाना तह-ए-खाक तड़पता होगा।
बिछड़ कर आप से…
बिछड़ कर आप से हमको ख़ुशी अच्छी नहीं लगती,
लबों पर ये बनावट की हँसी अच्छी नहीं लगती,
कभी तो खूब लगती थी मगर ये सोचते हैं हम,
कि मुझको क्यों मेरी ये ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती।
नाकाम मोहब्बत का नक्श…
आइने में अक्सर जो अक्स नज़र आता है,
खुद से लड़ता हुआ एक शख़्स नज़र आता है,
वो किसी बात पे खुद से खफा लगता है,
नाकाम मोहब्बत का नक्श नजर आता है।
कोई कहकशाँ नहीं…
इन्ही पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ,
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है।
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं,
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।
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